Book Title: Lilavai
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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पजसूई
१२
गोरीश गुरुभरात गोसग्गे गुरुणिहालसेण
घ घरसिरपसुत्तकामिणि धिप्पह कणयमयं पिव
६९७
११७४
८८५ १२६७ १५८
३१
चउजलहिवलयरसणा चउजामालिंगणसुह चंडीएँ कठिणकोयंड चंदणकप्पूरलवंगसंग चंदणतरुसिहरारूत चंदुज्जुयावयंसं पवियंभिय चित्तंगओ वि पुरओ चित्तंगयाभिहाणो चित्तंगयाहिहाणो तुह चित्तं चित्तगएणावि जेण चित्तं चित्तगएणावि देव चिरजंपियं भरिजाइ चिरपवसिओ वि आवह चिरमजणसलिलकसाय चिरयालसंचिओवडियाइ चिंतेइ पुहइदाणेण होज
२९९ ७२५ २९४ ३०१ ८२४
जम्मं मरणस्स कए ११०० जयंति ते सजणभाणुणो
जलहरजलविच्छोलिय जस्स कए पालिजइ रज जस्स पियबंधवेहि व
जह एए दो जामा . ४३ जह एवं विवससरीर १०९५
जह कह व अपेच्छंती
जह जह पिज्जइ मइरा ३४४
जह जो इमीट वर ३३६ जह जो इमीट वर
जह णम्ह भावदोसो १२५९ जह तं तणं व तुलिऊण
जह वच्च दुग्विणीए ६११ जह वच्च मच्चलोए वि
| जह वच्चह हे उज्झाय
जहसंठिय जयपरिभमिय . १२६८ जहं संबज्झंति गुणा
जं चिरं पि कालं
जं कह वि महाणुमईऍ १२३७
जं जह कमेण भणियं ९५९ जं जीएण वि दुलहं
जंण पहुत्तं से अवयवेहि ११०१ जं तं केण वि असरीरियाप्त
जं तंगुलियाहरणच्छलेण जं तं णिसुयं सिटुं च
जंतं तइया भणियं ११७१ ६६३
जं तं तोरणतुंगयर ७१९
जं तं रंगावलिरइय ३०२
जं तीष्ट बालभावाविसह ८६२
जं तीऍ तुज्झ भणियं
जं तुम्ह पायमूलं पहि १५५
जं तुम्ह महाणुमईष्ट
जं तेण मज्झ तं तह २००
जं तेण मज्झ सहि एरिसो ११०७
जंपदमदंपणाणंदबाह
जा इर मुहुत्तमेत्तं ५४ | जाणती वि हु पियसहि
१०५२ ११५८ १५३ ९३० २५५
छउअंगि विमुकाहरण छम्मुहसिहंडितंडव
७१. ९३२ ३२२ १३२३ १२९४
९२८
जइ अत्थमियमियंके जह णिच्छएण एयं तुड जइ बहुगुणं च मरणं ण जइया विजाहरसिद्ध जइ सो पत्थ ण एही जह सो तिस्सा वा सा जइ सो तेणं चिय जइ होइ महाणुमईएँ जच्छंदमजणुज्झिय जणणिवहकलयलाराव जण्णग्गिधूमसामलिय जस्थ वरकामिणीचलण
९८९ ४९१
३८५
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