Book Title: Lilavai
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 332
________________ - अहो मुहच्छं ] असीसंत ४८५. असुरण ३८. असुय ९४१. असुर ७८१, +९, १७६, २०१, २९९. + असुरस ४. + असुरिंद ६. असुरो १७०. असुह ७१५, ७२९४६, ८८२. + असुहं ५७३. १९२. असुहाई ८८४. असुहज्जिय ७२९. + असेल ४५, ११६, ३६९, ६२६, ८२०, ८२१, ९६४, १०३०, १२७६. असे ६१२, ८८८, +९२१, १०४०. असेसाई ८६०. अले सेहिं १२८३. + असोज १२७०/13. + असोग १२७०/13. + असोय ४४०, ७५१, ७९५, १०२६, १२७०. असोय णिज्जेण ३११११. असोयणीएण ३११. असोवो ६८७. अस्सत्थ १०३१. अह ६२, ६२*१, ६३, ९२, १०४, ११६, १४०, १४३, १६४, २०६, २१४–५, २३५, २५६, २६६, ३००, ३२९, ३५२, ३६३, ४०८, ४२७, ४५४, ५०४, ५०६-७, ५६१, ५८८, ६०६, ६३४, ६३७, ६४३, ७०५, ७४०, ७७९′1, ८०७, ८१३, ८४६, ८६१, ८७३, ८७५, ली. १५ Jain Education International GLOSSARY ८८६, ८९३, ९०६, ९०८, | अहिए हिँ १५०. ९५१- अहिणवं १०७७. ९३६, ९३९, ९४४, २, ९६४, १०१७, १०२२, अहिणंदिऊण १२०५, १२३१. १०५६, + अहिमुहं ११३९, १२४० - १. ११०२, अहिययरो २९८. १०४६, १०५३, १०६४, १०८७, ११६१, ११६९, १२१२, अहियं १४४, ४२८/1, १२२३, १२२६, १२२९, १२३५, १२५५, १२८३, १३०२, १३११, १३२०*२. अहणिसि ४०९. अहनिसि ४०९ 4. अहमेत्थ ३७४, १२१३. अहमो ११६६४9. अहव्वाएँ ७०३. अहं १८२, २६०, ४२९, ४३४, ४५९, ४६३, ५८९, ६१०, ६४६, ६५४, ७८३, ८०४, ८५१, ९०७-८, ९२८ ९९४, १००४, १०५४, १२१४, १२२३, +२१४, २५०, ३३५, ४६७, ५५०, ५५२, ५५९, ५६६, ५८७, ५९१, ६०६, ६०९, ६३२, ६५४*१, ६८०, ६८१, ७००, ७१२, ८०७, ८६५, ८७०, ९०३, ९१९, ९९५, १२१०. अहि २९८, ४१६, १०४७, +४९१. ९९३, १००६, १३०६, +५६४. +अहिरामयरं १०३१. + अहिराव १०२३. अहम्म १८५. अहम्मो ११६६. + अहरिल्लाहिं ७४९. + अहर १०८२, ११०१, १२७२. अहरो १६१, ७७१. अहव ४६४. अहवा ५-1, १५, २२३, ३०९, ८४२. ६६४, ७२०, +३२१, ६८६, +अहिवस्स २३०, ६५७, ८९५, ८३४. १२०२. + अहिवा १११, ८२४, ८२७. + अहिवाण ११७५. +अहिवाणं ७९९. +अहिवे १४७. + अहिवेण ११३, ७९९, ८१०, ११६७–८, १२२२, १३१४. For Private & Personal Use Only २२५ + अहिलसइ ९९२, १००१. + अहिलससि ७२१. अहिललिज्जइ ६०. + अहिलास ३९६, ७२०, ७७९. + अहिलासं ६२५. + अहिलासेण १२१२. + अहिव १६३, ७८८, १११९, ११७३, १२१७. + अहिवई २९१. + अहिवई १३३, ३१६, ३७१, +अहिवेहिँ १२४३. + अहिवो १०६*२. अहिसरिया ५६/16, +४५७. अहिसारियाहिं ५६. अहिसिंचिऊण ११६०. + अहिसेय १२१७. अहिहाणो ३७१, +६११. अहो ११८, १८४, १०३६, +१२२२. अहो मुहच्छं ६२०. ३०७, www.jainelibrary.org

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