Book Title: Lilavai
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 387
________________ २८० १२७७, १३०२. पुरस्सरा ८७२. पुरस्सरेण ९८५, १०२१: १२५०. पुरस्सरेहिं १२९३. पुरं १०६२. पुरंधीओ १०५६. पुरंधोणं ८४३. पुरा ४१५. पुराहिंतो १०१८, ११५६. पुराहुतं ७८९, १३१६०३. पुराहुत्तो १३१६. पुरि ३२८ 1. पुरिस १०१४, १२००१३. पुरिसा १०६, १५१, १५३, १९०. पुरिसाण १३८, १५२, १०१०. पुरिसेहिं ११९, ८८३, १०२२, १३१३. पुरिसो १०५, १००९, १०३५ - ६, १२०४. पुरी २८१, ३७०, ८०२. पुरुषाणं २५२ 10. पुरो १११३. पुरोहिण ११४. पुरोहितो ११५६5. पुलइय ६२५, १०८२. पुलउगगमेण ६१८. पुलएण १२२४. पुलय ३९९, १२५७. पुलयाई १०८१. पुलिणं २५. पुलिणेण २५. पुलोइहिँ १२३८. पुल्ली ११३५. पुत्र ४५७, Jain Education International ६६७, ७३२, ८८३, १०८८, ११३०. लीलावई पुत्रकहिँ ५६९. पुब्वं ६५१. पुव्वायरिहिँ १५३. पुवोयहि १८०४5. पुव्वोवहि १८०. पुसिऊण ८७६. पुहइ १३४, १५८, ८१६, ८२४, ९४३, ९५९, १०६३, ११७८. पुहइए १५९ 13. पुहइवालाण ८३८. पुहई ७४१, ७८८. पुहईए ४४, १२१०. पुहईसर १०४९. पुहईसरस्स ७३, ११४४. पुहईसरेण १००२, ११७६, ११९२. पुहईसरो १००८, १३२१. पुहवि ८१६१, ९५९/10. पुहवी ७३710, ११४५/16. पुहवीए ४४ 14, ११५६. पुहवीसर १०४८४6. पुहवीसरेण १०५०/१. पुंगवेहि ३६. ५०३, ८७३, | पुंजो ४४१. पुंज ९८, ४४१18, ५२२. पुंजइय ३४३. पुंजाई ११२५. पुंजीकयं २५५. पुंणाय १९७, १०२७. पूआ ४४१18. पूइय २९६, ४४१. पूग ३५४. पूथ ३५४/३. पूयं १३१९. ७२९, पूयायम्मं ७८३. १०५२, पूरंतो १७९. १०५०, पूरिज्जमाण १११८. १५९, For Private & Personal Use Only [ पुरस्सरा पूजिताइँ ८२२. पूरिय ७३९, १०६५, ११८३, १२२८, १२५७. पूरियाणणो ७. पूरियासो ७३१. पेच्छइ ९५८. पेच्छसि ११०९, ११६६. पेच्छसु ८९६. पेच्छह २९, ३६१, १०३६. पंच्छंति ८४३. पंच्छंती ८३३. पंच्छिऊण २३५, ३५७, ४८९, १०३२. पंच्छियव्त्रेण ११००. पेच्छ्रियव्वेहिं ३९२. पेच्छिरीए ३५९. पेच्छिरो २५१. पेच्छिहसि ३०२. पेम्म ३८१, ५४८, १०७६. पेम्मं ४७२, १०७७. पेम्माई ५३८. पेलण ११२५. पेल्लिज्जति १२१. पेच्छ ७-5, ७-6, ६७५, ८९४. पेच्छइ ६७२, ९५७. पेच्छउ ६३८. पेच्छथइारं २१८. पेच्छमाणाए ६३५*४. पेच्छरीए ३५९ 17. पेच्छरीणं १२४०१6. पेच्छह १११४. पेच्छतो ६०३. पेच्छाण ७७७ 15. पेच्छिऊण ६४२. पेच्छियव्वाण ५५०. पेच्द्धिरीणं १२४०. पेच्छिरो ५७०. पेच्छिवाण ५५०rll.. पेच्छीण ७७७. www.jainelibrary.org

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