Book Title: Kundsiddhi Prarambh
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ www.kabatirth.org Acharya Si Kailassarsur Gyarmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra एवंस्थूलंपाचीसाधनकलासक्ष्ममपिशालिन्याहसापाचीकर्कसंक्रांतोकीटेनश्चिकसंक्रांतीगोमृगेहषभमकरसंक्रांती / कयायूकयाचाल्यासूर्यस्यायनवशात उतरायणउन्नरतः दक्षिणायनेदक्षिणतः एवं सिंहकन्यातुलासंक्रांतीकुंभमीनमें षसंक्रोनौचहाभ्यायकाभ्यांचालनीया अयनवशात हेहेकामुकेमिथुनधनुःसंक्रांतीचालननास्तीतियाख्याअत्रहने। मासुसमीक्षतेक्षितिगते केंद्रस्थशंको क्रमाद्भागयत्रविंशत्पपैविचततस्तत्रापरेदौदिशो तत्कालोपमजीवयोस्तुविवरा। कर्केकीटेगोमृगेयूकयासाहाभ्यांचाल्पासिंहकुंभविकेपि योवैकाष्टांभानुमानयातितस्यांचाल्पाहंडेका मुंकोचालनन जुहिनामध्यचिन्हांसपाशीपाचीशंकौपश्चिमेचापिदत्वाकर्षहीमानदक्षिणेचोत्तरेचा झाकर्ण मित्याहताल्लंज्याप्तमितागुलेरपनदियेंदीस्फुटाचालिने एजच्चिन्हैस्याइक्षिणोचोनरादिक // 6 // निसिद्धांतशिरोमणिमार्गेणेतिकर्तव्यतांविधायदृष्टव्यमिति एवंप्राचीप्रतीचीसाधनकत्वाथोतरदक्षिणयोःसाधनंशाः लिन्याहऊउमंडपाहीयावानविस्तारस्तहिगुणानांततमध्याकाउभयोरंतयोः पाशवतीरजइश्व्यासानेप्राचीपतीचार्दनको विन्यसेन ततोमध्याकेभृत्वारज्जुदक्षिणेउन्नरचाकर्षविहानक केदक्षिणाउन्नराचस्यादितिव्यारव्याअवस्पष्टायुक्तिरिति // // For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96