Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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Page 39
________________ S Nathana Kendra www.kab .org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir फलंयथावृहजोभुजः १४।२।१पूर्वापरकारखाखंडकोटि: 1011 अनयोर्धातः 144 // 340 अस्माकोणक्षेत्रफलमेतत् 11 / 20 शोधिसभा जानपूर्वकोणयोः फल 4 एतावदेवापरकोगायोः अतोद्दिनमेनत १८६३०पूर्वक्षेत्रफलेस्मिन योजितसज्जातक्षेत्रफल १७६ाश इदंयवहयाधिकंचअल्पातरवाददोषःध्वजायसिद्दिश्चइदेसर्वथानेत्ररमणीयमित्यगीकर्तव्यं ४५अथप्रकारांतरेणसमाष्ठभुन मष्टाखिउपजातिकयाहमध्यसूत्रेचतुर्विशतिभक्तेस्वसप्तचत्वारिंशदेशः सहितैश्चतुर्दशभिर्भागासार्धनमंडलेहतेतदिग्विदिशाम ध्यकताष्टसत्रैःपरस्परलगेरष्टकोणेषकारोतरेणप्राचीनकृतिरसिकाभिम कुंडलतमार्जनाभवतीतिव्याख्याअवक्षेत्रफलानयन मध्येगुणवेदयविभक्तेशकेनिजय॑धिलवेनयुक्तः तेकृतेदिग्विदिशोतरालगजै जै स्यादथवाटकोणं चंद्र नंदाकृमिभि२२९६ी व्यासर्धितुसमाहते खखरवाचाग्निसंभक्तेलभ्यतेकमशोभुजाइतिभुजानीमानं 2017 // 4 // 39 // 46 // ताज्याव्यासयोगांतरघातमूलंव्यासमदूनोदलितःशरःस्यादितिजातःशमाअाराअथयाम्यभुजस्याभप्रानाममुखापरभुजोत हययावत्सूत्रयकुर्यात स्वततेतिर्यग्दीर्घचतुरखपार्श्वयोविषमभुजेचतुरखाइयंचस्थान अवव्यासादस्मा सा४६ सकाशात दिगुण शरविहायशेषदीर्घचतुरस्त्रस्यभुजःअथवाज्याव्यासवर्गनिरधानमूलभुजः किंशरकरणयासेन 26 // 2 // 3 // 16 // // For Private and Personal use only

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