Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir सि- अयमकतिरुमेशतोषायेतिवसंतमालिकयाहरसेवकारेणविठ्ठलादीक्षितोरुचिरांमनोहरामंडलकुंडसिहिनामग्रंथरचनांकाशी। नगरेउमेशयोस्तुष्ट्येलतवान इमां विधोविचार्यशेधयताम् कृतदिवसमाहव्यधतेनि पूर्वश्नोंकनान्वयः ग्रंथेपरोक्नेममदूषणोक्त्याकि वागुणोत्पाविदुषाविचार्या ग्रंथमनेसदसद्दिशोध्यसर्वस्खसर्वनहिवेदकश्चित् १अंगीकार्यामकृतिनिर्मलयंकस्मादेवपंडिताया इति मंडपकुंडसिडिमेतारुचिराविद्धलदीक्षितोव्यधत अधिकाशिनगर्युमेश तुष्वैविधाशोधयना दिमाविचार्य 56 शशियुगतिथिगागययातिशाकेवरेण्य विभवशरंदिरम्यमासिशस्यत्तपस्प शशधरभूतिदक्षमुष्यपक्षेवलकमलनया नतिथ्योभानुमहारवत्यो॥५॥ र्थयेहं क्षीरंपेयनीरमेतहिहायकोवाविज्ञहंसमज्ञार्थपीता 2 इतिसंगमनेरस्थविठ्ठलदीक्षित विरचितास्वकतकुंडसि / एमः प्रख्यासमाप्ता // संवत् 1935 चैत्रकला 30 वार सनीवार // श्रीजानकीवल्लभोविजयते॥ शुभमस्तु 24 For Private and Personal Use Only

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