Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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Page 54
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassayasuriyamandir कॅन्टी गश्रीगणेशायनमाबीमदभिमानिनीरेकनाप्रसादासिद्विरमानलापरशिवाभिन्लेगुरूरामेम्परामिधागणपंत्रिपुरावाचे 1 भिकदेवमपरंगुरूं। करोनिजयममाव्य कुडार्कप्रियपद्मिनी यस्यारमनुसरसा-पितुमधुपाबुधानत्रनावतुचि कीर्षिनग्नथस्यपरिसमाश्यर्थमाचारप्राप्नमंगलमाचरकुंडोत्पनिसम्रमाणोतसाधनार्थहस्लादिकेस्वस्वप्रमाण के नाहाभाविद्यनेयस्यसूर्यधनद्रावप्राप्तंभाचताभमरकीटन्यायेनसूया भिन्नमिन्यर्थः॥रानारशेनीलकंठनामानेपिन अनुसरनपार्श्ववनिलेनसेवाकुर्वन यहाअनुसरन्ध्यायन यहापित्रादिनावीनसेप्रदायपुरःसनानेनशिष्याश्व भावनेनीलकंठंपितरमनुसरन्छकण्वनिकुंडंभूगंगाष्टहसंदशशनहवनाजहरायोत्तरेस्थान॥ हस्तःस्वादूर्धवाहो-प्रपदगमखिनःपंचमोशोगुलेनसिहाशस्लद्गजांगेयव उरगलवन स्वयूकालिक्षार, संप्रदायेनैवसंचरनखिनिरुपंथकरणप्रयोजनमपिसिद्ध।सर्वत्रनम्रलेननन्यात्मकमंगल।निर्वधस्तुशिष्यशिक्षार्थमि व्यन्यत्रणाअनुसरन शंकरशंकरनामकाकुंडवक्रीसन्दयाकुंडप्रकारंवकीत्सर्थ:कुरमिन्यु नेनास्मि-यथेकंडमाभेधे राम. यमिनिस्यष्टानेनप्रतिपाद्यप्रतिपादकभावःसंबंधोपिनरुजिज्ञासुरधिकारी वनिनामशिष्यजिज्ञामोत्यत्पर्थशब्दज्ञानविषयक चरोलीपर्थः भूहिस्ब्धियगईरहनोदशानोशनानांसमाहार शशलेनन्सरख्याकयवनेनस्मादित्यर्थः॥दशचना निशानानिचेतिकर्मधारयोवायथासेख्यसकदिचतु-पटरहलान्मकैखखदशगणिनेस्यान्। एकसहखेसकहलात्मक For Private and Personal Use Only

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