Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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Page 42
________________ Sne Man Jain Aradhana Rendra www.kobatrum.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir 97693 कुं-मि- अथखातंसमेखलंक्षेत्रसममितिस्पष्टंवदनमेखलालक्षणेरथोहतयाह अष्टधाविभनस्पक्षेत्रस्पयस्यगुलामकोभागलाशै: पंचभिर्भा गै वखनेत उपरिबिभिस्तादृशैर्भागैलिखोमेखलारचयेन कीदृशैःपंडष्टहादशांशाश्चतुस्विहागुलमिनालस्तुल्पविस्तारीचेयासांनाइति व्याख्या विश्वकर्माव्यासारखानाकरस्पोक्नोनिम्नतिगुलेन्तुकंठात्परमेखलातुजन्नतासानागुलैरितिक्रियासारे प्रधानमेखलोत्सेधमु लमत्रनवागुली नहाह्यमेखलोत्सेधेपेचौगुलमिनिस्मृतं नहाह्यमंगुलोत्सेधर्मगुलहिनयंक्रमात चतुखियगुलव्यासोमेक्लीचितयस्पन अष्टधाविहितकुंडशरांशैःसंरखने वमुपर्यनलोशै:मेखलाविरचयेदपितिसापडजार्कलवविस्तृतपिरा रसोशकाहुन्नतविरुटताश्चर्तिसाथवेकायुगभागतुल्यापंचाथवाषट्शरवेदरामयशेतनाःसुर्नवभागपिंडाः | योगिनीहृदयेपिमेखलाःशृणुमेदेविहस्तादिषुविशेषतः षड़गार्कीशसंभानेमिना स्युगोपिनाः शुभारनि 4 अथपकाए 50 संतरेणमेखलालक्षणंनाभिलक्षणोचविपरीतारख्यानकीशालिनीभ्यामाह अथवाक्षेत्रषर्डशादुन्नता:घर्डशनिव विस्तालिरामेख लाभवनिअथैकमेखलापक्षमाहअथवकैवमेखलाक्षेत्रचतुर्थाशेनोच्चाविस्वताचस्पात अथपंचमेक्लापक्षमाहअथवापंचमेखलाः रामः कार्यापटपंचचतुखिहामुलैः पारिभाषिकविता अथपंचमेखलानामुच्चतमाहनचादिमानवभागैःपिंडीच्ययस्यासापारिभाषिकनवांगु 'लोचास्यात्।। For Private and Personal Use Only

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