Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kallassarsur Gyarmandir / .सि उद्यनियोनिभवंतिपत्राणियासांता तथाभवनिफुलेरतिनम्राःविलसत्यः कोमलाः एतादृश्योयारंभाःकदल्पनाभिरालिंगितामाः 11 यस्यसभमूलेधृततादृशकदल्पःवहपत्रराम्रापल्लवैःसर्वत्रकृतवेष्टितःराजतिचामराणियस्मिनतादृशःसनसंपवताःमुकुरा आदा शःयस्मिनताहशासनउदंचतिउपरिविलसतिस्तादृशानिवितानानिनैरंचिनोन्वितःपुष्पाणिपाचंपकजातीमालतीमलिकाकम दादीनिफलानिजंबीरदाडिमकदलीराम्रनारिकेलपूगीफलादीनिनरन्वितः एतादृशीयमहामंडपःभवतांफलायउन्नमफलप्राप्नयभू उद्यत्पत्रफलातिनविलसदभाभिरीलिंगितस्तंभोनेकदलैरसालविटपैःसर्वत्रसंवेष्टितराजच्चाम रसंघक्दमुकरोदंचहितानान्विनौयुत्ताःपुष्यफलैःफलायभवतोभूयान्महामंडपः // 26 // // // यादितिव्याख्या सिद्धातशेखरे चूतपल्लवमानाद्यवितानरुपशोभित विचित्रवखसंबन्नंपडकूलविभूषितसकलैःकदलीत। भैःकमुकैारिकेल :फले नाविधैभैज्पैिदपैरणेश्यामरैरपिभूषितमंडपकुर्याजिलपुष्यसमज्वलमितिअन्यथाभावदोषउक्तः चराअनुक्कसाधने:कृप्नायदिवा कुटिलारुतिःमानाधिकोथवान्यूनोमंडपाकड़नाशनन्यथोकेकतमंडपंफलाधिवतत्रैव अ ख्यातसाधनैःकपःसरत्रःसममानकःमनोजोमंडपोयोसोकर्मकर्तःसुमावहइति // 26 // // 6 // 2 // छ / For Private and Personal Use Only

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