Book Title: Kanhad Kathiyara tatha Mayanrehano Ras Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 6
________________ ल बेगे आश्ने, कठियारो कर जोड ॥१॥ कठियारा ने मुनि कहे, किस्युं करो बो काम ॥ नारीशुं नगवा नजी, आघो काढुं आम ॥ २ ॥ एक लियो तुम आ खडी, एम कहे अणगार ॥ सुगराचार वहूपरें, वध तो करो विचार ॥ ३ ॥ कटियारे मुनिवर कने, करी शीलनी कार ॥ पूनिमरे दिन पूज्य जी,परनारी परि हार ॥ ४॥ एटली मुमने आखडी, सदगुरु केरी शी ख ॥ परमेसर परसादथी, नली करी ने शीख ॥५॥ हवे कठियारो प्रणमिने, आयो अपणे गेह ॥ पूनम परनारी तजी, निजनारी झुं नेह ॥ ६ ॥ करे उदर आजीविका, राखे व्रतनी रेख ॥ कान्हड कठियारा त गो, जन्म कतारथ लेख ॥ ७ ॥ इति ॥ ॥ ढाल त्रीजी॥ ॥ वादल दह दिसि नन्हम्यो॥ ए देशी ॥ण अ वसर आयो तिहां सखी, वारु वर्षाकाल ॥ गगन ध डूके मेहलो सखी,पाणी वहे पडनाल रे॥ चिहुँ दिशि जल खलक्यां खाल रे, वलि नदीय वहे असराल रे, सरपूरित फूटे पाल रे ॥ १ ॥ वर्षाऋतु आश् मो हना ॥ ए आंकणी ॥ मोर किंगोरे मूंगरे सखी, म रमर दादूर सोर ॥ बपैयो पियु पियु करे सखी, ग Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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