Book Title: Kalpasutra Moolpath
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Bhimsinh Manek Shravak Mumbai

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Page 28
________________ कल्प० ॥ १२ ॥ **** अच्चुन्नय-पीए र इ-मंसल - उन्नय-तणु तंब -नि-इनदं कमलपलाससुकुमाल कर चरणकोमलवरंगुलिं कुरुविंदावत्तवट्टाणुपुवजंघं निगूढजाणुं गयवरकरसरिसपी वरोरुं चामीकररइप्रमेदलाजुत्तकंत विविन्नसो चिक्कं जच्चंजण - नमर- जलयपयर - उप्र-सम-संदिप्र-तणु- प्राइज- लमद - सुकुमाल - मय - रमणि रोमराई नाभी मंडलसुंदर विसालपसचजघणं | करयलमा इपसचतिवलियमज्छं नाणामणिकणग-रयण-विमलमदातवणिजामरण-भूस विराइ' यंगोवंगिं हारविरायंतकुंदमालपरिण-६जलजलितथणजुअल विमलकलसं याइयपत्तिच्प्रविनू सिएणं सुनगजाबुजलेणं मुत्ताकलावएणं उरबदीणारमाल विरइएणं कंठमणिमुत्तणं कुंडल जुलुल्लसंत सोवसत्तसोनंतसप्पनेणं सोनागुणसमुदपणं प्राणएकुटुंबिएणं कमलामल विसालरम णिलोप्रणं कमलपकलंतकरगदिच्प्रमुक्कतोयं लीला१ मंगुर्वर्ग क० कि०, २ लोअणि. Jain Education Hional For Private & Personal Use Only: बारसो. ॥ १२ ॥ www.jainelibrary.org

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