Book Title: Kalpasutra Moolpath
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Bhimsinh Manek Shravak Mumbai

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Page 118
________________ F** कल्प ॥ ॥ ******** हिंतोश्च णं अजवश्री साहा निग्गयाथेरस्स णं अजवरस्स गोयमसगुत्तस्स इमे तिमि बारसो. थेरा अंतेवासी अहावच्चा अनिमाया हुना, तंजहा-धेरे ‘अङवश्रसेणे' थेरे 'अऊपैनमे थेरे'अऊरदे॥थेरेदितो णंअजवइरसेणेहिंतोचणं अजनाइली साहा निग्गया,थेरेदितो , णं अङपनमेहिंतोश्च णं अजपनमा सादा निग्गया, थेरेहिंतोणं अजरदेहिंतोश्च णं । अजजयंती सादा निग्गया॥रस्स णं अजरदस्स बसगुत्तस्स 'अऊपूसगिरी' थेरे अंतेवासी कोसियगुत्ते॥॥थेरस्स णं अजापूसगिरिस्स कोसियगुत्तस्स अजफग्गुमित्ते' थेरे अं| तेवासी गोयमसगत्ते॥३॥रस्सणं अफग्गुमित्तस्स गोयमसगुत्तस्स अधणगिरी' थेरे अंतेवासी वासिठसगुत्ताधारस्सणं अजधणगिरिस्स वासिम्सगुत्तस्स अजासिवनूई थेरे । अंतेवासीकुबसगुत्ते॥॥रस्सणं अजसिवनूश्स्स कुठसगुत्तस्स अजानद्दे'थेरे अंतेवासी ॥७॥ कासवगुत्ते॥६॥रस्स णं अऊनहस्सकासवगुत्तस्स 'अजनकत्ते'थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते । ॥॥रस्स णं अजनकत्तस्स कासवगुत्तस्स अकरके'थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते॥॥थे **XEXX Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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