Book Title: Kalpasutra Moolpath
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Bhimsinh Manek Shravak Mumbai

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Page 31
________________ **** ***** * * रायमाणेण रायमाणं नित्तुं गगणतलममलं चेव ववसिएणं पिबइ सिव-मयमारुयलयादयकंपमाणं अश्प्पमाणं जणपिणिजारूवं ॥॥ ४० ॥ त पुणो जच्चकंचणुकालंतरूवं निम्मलजलपुम्ममुत्तमं दिप्पमाणसोदं कमलकलावपरिरायमाणं पडिपुस्मसवमंगलनेयसमागमं पवररयणपरायंतकमलहियं नयणनूसणकरं पनासमाणं सब चेव दीवयंतं सोमलजीनिनेलणं सबपावपरिवजिअं सुन्नं नासुरं सिरिवरं सबोजयसुरनिकुसुमआसत्तमल्लदामं पिब सा ‘रययपुस्मकलसं॥॥४॥त पुणो । पुणरवि रविकिरणतरुणबोहियसहस्सपत्तसुरनितरपिंजरजलं जलचर-पदकर-परिदलगमनपरिजुङमाणजलसंचयं महंतं जसंतमिव कमल-कुवलय-नप्पल-तामरस-'मरीउरुसप्पमाणसिरिसमुदएणं रमणिकरूवसोदं पमुश्यंतनमरगणमत्तमढुयरिगणुक्करोलिङमाणकमलं कायंबग-बलादय-चक्क कलहंस-सारस-गविप्रसनणगणमिढुणसेविऊमाणसखिलं **XXXXXXXXXXX388****** ** * **** Main Education international For Private & Personal use only winw.jainelibrary.org

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