Book Title: Kalpasutra Moolpath
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Bhimsinh Manek Shravak Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 113
________________ साहार्ड ॥ से किं तं कुलाई? कुलाई एवमादिऊंति, तंजहा-“पढमं च नागनूयं, (१) विश्यं पुण सोमनूश्यं (२) हो। अह उल्लगढ तश्शं (३), चनवयं दबलिङ (४) तु॥१॥ पंचमगं नंदिऊं (५), उठं पुण पारिदासयं (६) दोश् । उद्देहगणस्सेए, बच्च कुला हुंति नायवा" ॥२॥ थेरेदितो णं सिरिगुत्तेहिंतो दारियसगुत्तेदितो श्व णं चार गणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं श्मा चत्तारि सादाज, सत्त य कुलाइं एवमादिङांति, से किं तं सादा ? साहार्ड एवमाहिऊंति, तंजहा-हारियमालागारी (१), संकासीआ (२), गवेधुया (३), वजनागरी (४), से तं सादा ॥ से किं तं कुलाइं ? कुला एवमादिऊंति, तंजहा-“पढमित्र वालिङ (१), बीयं पुण पीश्धम्मिश्र (२) हो। तश्रं पुण हालिङ (३), चनवयं पूसमित्तिकं (1)॥१॥ पंचमगं मालिऊं (५), *पुण अङवेडयं (६) होइ । सत्तमयं कण्हसहं (७), सत्त कुला चारणगणस्स" ॥२॥ १ पण्णपत्तिआ (क० कि०, क० मु०) Jain Education International For Private Personal use only

Loading...

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142