________________
आ रही है, जैसे मेहंदी रचने के बाद ललामी। जीवन की सहजता आपको निर्भय बनाएगी। आपकी आस्था और विश्वासों के नित-नए द्वार खोलेगी। परिस्थितियां आप पर हावी हों, उससे पहले आप उस पर अपना नियंत्रण और स्वामित्व कर लेंगे। आपका व्यक्तित्व प्रभावी होता जाएगा।
मनन करें जीवन को
फुरसत के क्षणों में हम जीवन-जगत् के बारे में मनन करें। मैंने पहले ही कहा है कि मनन स्वयं मार्ग देता है। बुद्धि का वास्तविक परिणाम पठन से नहीं, मनन से आता है। बुद्धि को मनन का मार्ग मिल जाए, तो बुद्धि हमारे सामने समाधानों का सूरज उगा देगी। जीवन की हर समस्या का समाधान व्यक्ति की बुद्धि और उसकी अंतरात्मा में समाया है। हम जीवन के व्यावहारिक पहलुओं पर तो मनन करें ही, जीवन-जगत् के आंतरिक पहलुओं पर भी मनन करें। मैं कौन हूं, मैं जगत् में कहां से आया हूं, मेरे जीवन का मूल स्रोत क्या है, मेरी चेतना कहां उलझी है, अपने स्वभाव की सौम्यता के लिए मुझे क्या करना चाहिए? ये वे पहलू हैं, जिन पर किया गया मनन जीवन के प्रति हमारे चिंतन को गहराई देगा। महत्त्व इस बात का नहीं है कि हम कितने वर्ष जिए, वरन इसका है कि हम कितने गहरे उतरकर जिए। बंध्या का जीवन क्या जीना, अपनी समझ को पैदा करके जिएं। हम जीवन और जगत् को पढ़ें, समझें और पिंजरे से मुक्त हो चुके पंछी की तरह मुक्त उड़ान भरें। सहजतया कहे गए ये तीन सूत्र हमारे चिंतन को गहराई देंगे। जीने की कला प्रदान करेंगे।
16
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org