Book Title: Jiye to Aise Jiye Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Pustak MahalPage 56
________________ खिलाड़ी कभी असफल न हुआ होगा, किंतु अगर अर्जुन की आंखों में एकमात्र लक्ष्य ही बसा हुआ है, तो वह लक्ष्य भेदन ज़रूर करेगा । तुम लक्ष्य के प्रति निष्ठाशील हो, तो असफलताओं से भय मत खाओ । असफलता स्वयं सफलता का रास्ता दिखाती है । हर सफलता के पीछे असफलताओं की एक बड़ी कहानी छिपी होती है । मोहम्मद गोरी ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर दो-चार नहीं, पूरे सोलह आक्रमण किए, मगर हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी। आखिर हालत यह हो गई कि उसे अपनी जान बचाने के लिए किसी गुफा में शरण लेनी पड़ी। वहीं उसे सफलता का शास्त्र पढ़ने को मिला । उसने देखा कि एक मकड़ी अपने घर तक पहुंचने की कोशिश कर रही है । वह एक - दो-चार - दस बार चढ़ी, लेकिन हर बार उसका पांव फिसल जाता, वह जमीन पर लुढ़क आती। मोहम्मद गोरी मकड़ी के इस अदम्य दुःसाहस को देखता रहा । जब मकड़ी सोलहवीं और सत्रहवीं बार फिर चढ़ने की कोशिश करने लगी, तो एक दफा तो गोरी को लगा कि वह इस नासमझ मकड़ी को कैसे समझाए कि वह व्यर्थ में क्यों मेहनत कर रही है, पर वह यह देखकर आत्मविश्वास से भर उठा कि मकड़ी आखिर अपने घर तक पहुंचने में सफल हो गई। एक हारा हुआ सम्राट पुनः विजय के विश्वास से भर उठा और कहते हैं कि मोहम्मद गोरी ने अपने सत्रहवें युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया । सफलता के रास्ते पर चलते जो लोग विफल हो जाया करते हैं, क्या वे मकड़ी और मोहम्मद गोरी से प्रेरणा लेंगे ? क्षमता - योग्यता का पूरा उपयोग हो सफलता का तीसरा सूत्र यह है कि हम निरंतर श्रम और और संघर्ष करें । श्रम से जी चुराने वाले सफलताओं को अर्जित नहीं किया करते हैं 1 सौभाग्यशाली वही हैं, जो भाग्य के भुलावे में न आकर आत्मविश्वास के साथ कठिन परिश्रम करते हैं । वे रास्ते में आने वाली चट्टानों की परवाह किए बगैर अपनी शक्ति, क्षमता और योग्यता का उपयोग करते हुए उन्हें Jain Education International 55 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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