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मन की धरा रहे उर्वर
हर कार्य को इतने उल्लसित मन से करो कि कार्य स्वयं मुक्ति का द्वार बन जाए।
वन परम मूल्यवान है। यद्यपि हर वस्तु का अपना मूल्य है, किंतु
जीवन का मूल्य सर्वोपरि है। हमारा जीवन हमारे लिए प्रकृति की एक स्वर्णिम सौगात है। जिन्होंने जीवन को प्यार से जीया है, उत्साह-उल्लास
और आत्मविश्वास के साथ जीया है, वे भली-भांति जानते हैं कि जीवन में अद्भुत सौंदर्य और माधुर्य है। इसका अपना अनूठा संगीत है, इसका अपना अनुपम आनंद है। जो जीवन को जीवन के भाव से नहीं जी पाते, उनके पास वे कान नहीं होते, जिनसे कि वे जीवन का संगीत सुन सकें, वह आंख नहीं होती, जिससे कि वे जीवन के सौंदर्य का पान कर सकें; वह हृदय नहीं होता, जिससे कि वे माधुर्य और आनंद को जी सकें।
स्वस्थ जीवन : स्वस्थ मानसिकता
हम ज़रा अपने व्यवहार और मानसिक जगत् की स्थिति का निरीक्षण करें कि हमारे जीवन में घुटन है या सौंदर्य; तनाव है या माधुर्य; आक्रोश है कि आनंद, कर्कशता है कि समरसता? जीवन की चाहे जो स्थिति हो, यदि वह प्रतिकूल हो और नकारात्मक, उसकी दशा और दिशा को बदला जा सकता
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