________________
पासे एक उत्तरकुरु गामे युगलियानुं क्षेत्र . एटले • एक देवकुरु अने बीजुं उत्तरकुरु ए बे अकर्मनूमि 'देत्र, तेने विषे युगलिया मनुष्य रहे . तेनुं सदा काल त्रण गाउनुं देहमान डे अने त्रण पट्योपमर्नु आयु बे. तिहां सदाकाल पहेलो आरो वर्ते बे. · तथा निषध अने नीलवंत ए बे पर्वतो कह्या तेनी वचाले मेरु पर्वत बे, ते मेरुनी चारे दिशि मांदेथी पूर्व दिशे पूर्व महाविदेहनी सोल विजय ने अने पश्चिम दिशे पश्चिम महाविदेहनी सोल विजय बे. ए बेहु मली बत्रीश विजय, एक महा विदेह नामे कर्मनूमि क्षेत्र . . ए.रीते प्रथम जंबुझीपने विषे एक हेमवंत अने हिरण्यवंत, बीजुं हरिवर्ष ने रम्यक, त्रीजुं देवकुरु ने उत्तरकुरु, ए त्रण जोमले मली ब क्षेत्र युगलिया मनुष्यनां ने ते अकर्मनूमिज कहीए, कारण के ए क्षेत्रमा जे मनुष्य रहे ने तेने प्रायः कर्म थोमां 'लागे बे, केमके असि, मसि ने कृषि ए त्रण वस्तु कर्मबंधनुं कारण ते वस्तु ए क्षेत्रोमां नथी, अने एक नरत, एक ऐरवत तथा एक महाविदेह मली त्रण क्षेत्र कर्मचूमिज .