Book Title: Jiva Vichar Prakaran
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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(४२) . २०२ नी साथें मेलवतां ३७३ जेद् थाय ने ॥ ३ ॥
हवे चार निकायना देवोना नेद कहे :- . दसदा. नवणादिवई, अविहा वाणवंतरा हुँति ॥ जोइसिया पंचविदा, उविदा वेमाणिया देवा ॥२४॥
गाथा २४ मीना बूटा शब्दना अर्थ. दसहा-दश प्रकारना. जोसिया-ज्योतिषी. नवणाहिवई-जवनाधिपति, | पंचविहा-पांच प्रकारना.
(जवनपति ). उविहा=बे प्रकारना. अविहा-आठ प्रकारना. वेमाणिया वैमानिक. वाणवंतरा-वाणव्यंतर देवो. देवा-देवो. दुति-वे.
अर्थः- जवनपति, व्यंतर, ज्योतिष्क तथा वैमानिक, ए चार प्रकारना जे देव ने तेज॑मांना (दसहा जवणाहिवई के०) नवनाधिपति देवोना दश नेद बे, ते आः-असुरकुमार, नागकुमार, सुवर्णकुमार, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार, दीपकुमार, उदधिकुमार, दिशिकुमार, वायुकुमार तथा स्तनितकुमार, ए दश नेद कह्या. हवे एर्नु रहेवानुं स्थान कहे जेः-रत्नप्रना नामे प्रथम नरकनुं दल जामपणे १७०० योजननु

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