Book Title: Jiva Vichar Prakaran
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 87
________________ कुंपल, पांच जातनी फुगी, सेवाल, नूमिफोमा, लीवु आउ, लीली हलदर ने लीलो कचुरो, गाजर, मोथ, वथुलानी नाजी, ग, सर्व जातना पाला, कोमल फल, सर्वे गुप्त ने सिरा, सांध, पर्व जेनां एवां, शुहर, कुंवार, गुगल, गलो प्रमुख उद्या थकी उगे तेने साधारण वनस्पति कहीए. ॥ प्रत्येक वनस्पतिना नेद कहे ॥ एक शरीरमां एक जीव होय जेने विषे तेने प्रत्येक वनस्पति कहीए. ते फल, फूल, बगल, काष्ठ, मूल, पान ने वीज ए सात स्थानके एक एक जीव होय तेने प्रत्येक वनस्पति कहीए. ए पांच स्थावरना नेद कह्या. ॥ वेजियना नेद कहे ॥ शंख, कोमी, गंडोला, जलो, चंदनक एटले स्थापनाचार्य, अलसीआ,लालीबा,लाकमाना कीमा, कीरमीश्रा, पूरा ए आदि देश्वेजिय जीव जाणवा. ॥ तेभियना नेद कहे ॥ कानखजुरा, मांकण, जु, कीमी, उदेश, मंकोमा, श्ल, घीमेल, सावा,गींगोमा,गधश्या, बाणना कीमा, विष्टाना कीमा, धनेरीश्रा, कुंथुथा, गोपालीक, मेहना मामा आदि देश तेभियना नेद जाणवा,

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