Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar
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187/जैनों का संक्षिप्त इतिहास, दर्शन, व्यवहार एवं वैज्ञानिक आधार
इसलिए आज शाकाहार, निशस्त्रीकरण, मानवाता के लिए सबसे उपयोगी सिद्धान्त बन गये हैं। शाकाहार के लिए कहा जाता है कि यदि सात दिन में एक बार भी सामिषाहारी मांसाहार छोड़ दे तो विश्व से अकाल मौत समाप्त हो जाये। क्योंकि आठ किलो अनाज खिलाकर जानवरों से एक किलो मांस पाते हैं। हालांकि सभी धर्मों में किसी न किसी रूप में अहिंसा को स्थान दिया है लेकिन जैन दर्शन साहित्य में अहिंसा परमोधर्म है। विश्व का यही त्राण है। मार्टिन लूथर किंग , महात्मा गांधी एवं नेलसन मण्डेला पर अहिंसक रूप से राजनैतिक आन्दोलन करने का पूरा प्रभाव पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इन्हें बहुत हद तक अपनाया
'उत्तराध्ययन' एवं दशवैकालिक भी आगमों के मूल एवं महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं। दशवैकालिक में समस्त जैन दर्शन का अत्यन्त संक्षिप्तीकरण कर दिया है। एक ही दोहा प्रस्तुत है जिससे विदित होगा कि कहीं कुछ भी ऐसा नहीं जिससे लगभग ढाई हजार वर्ष पश्चात भी असहमति की जा सके।
धम्मो मंगल मुक्किट्ठ अहिंसा संयमोतवो ।
देवावितं नमसति जस्स धम्मो सयामणो।। वहीं धर्म श्रेष्ठ मंगल हैं जिसमें अहिंसा, संयम और तप है। ऐसे मनुष्य को देवता भी नमन करते हैं।
विपाक सूत्र में कर्मों का ऐसा निश्चित्त एवं हृदय स्पर्शी प्रभाव, रोचक, मार्मिक कथानकों से विद्वता पूर्वक दिखाया है कि कोई चित्रपट पर भी ऐसा न्याय-प्रभाव पैदा करने में शायद ही सक्षम हो। ___ऐसे विशिष्ट अंग उपांग आदि साहित्य पुराण पर बाद के
महान आचार्यों ने जो और व्याख्याएं की हैं , महान ग्रंथ लिखे हैं, • एक झलक उनकी देना जरूरी है।