Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar
View full book text
________________
259 / जैनों का संक्षिप्त इतिहास, दर्शन, व्यवहार एवं वैज्ञानिक आधार
काफी राहत देकर आज 7 अरब जनसंख्या का जीवन आधार भी बना है। लेकिन यही विज्ञान कहीं हमारे लिये भस्मासुर न बन जाये। समस्त ब्रह्माण्ड में मात्र एक बिन्दु जितना पृथ्वी ग्रह, जहाँ जीव मात्र का उदयकाल पुनः संक्षिप्त तथा मानव जीवन पलक झपकने मात्र है। जिसमें विकास की भी विपुल संभावनायें हैं ।
अतः संक्षेप में यही निष्कर्ष है कि विज्ञान एवं धर्म एक दूसरे के प्रतिद्वन्द्वी नहीं वरन् सहयोगी एवं पूरक बनें और एक दूसरे से समृद्ध बनें, यही विश्व का त्राण है। जैन-धर्म प्रारम्भ से ही सत्यान्वेषी एवं सहिष्णुता वादी रहा है । यह विज्ञान आधारित मानव धर्म बनने की योग्यता रखता है ।