Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar
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215/जैनों का संक्षिप्त इतिहास, दर्शन, व्यवहार एवं वैज्ञानिक आधार
आंतकवादी एवं देश के और विभाजन के पक्षधर हैं। समय-समय पर देश में बम कांड, गोधरा काण्ड, के जिम्मेवार हैं एवं प्रतिक्रिया में बेस्टबेकरी एवं गुजरात में शर्मनाक साम्प्रदायिक दंगे हुए। साम्प्रदायिक दंगों से अशांति की मांग करने वाली साम्प्रदायिकता ने आंतकवाद का वर्षों तक सहारा लिया। कश्मीर में इसी साम्प्रदायिकता के तांडव ने वहाँ के तीन लाख पंडितों को अपने ही देश में दशाब्धियों से शरणार्थी बना दिया। सत्तर हजार से अधिक मौत के शिकार हए, लाखों घायल हुए। पाकिस्तान ने आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति के रूप में दो तीन दशाब्दियों से अपनाया जिसका दुष्प्रभाव नरसंहार रूप में उसे भी स्वयं भोगना पड़ रहा है।
हिंसा प्रतिहिंसा का दौर थम नहीं रहा। यह संकुचितता की मानसिकता राष्ट्रनीति बनाने का सही आधार नहीं बन सकती। .. अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी कट्टरतावादी इस्लामिक संगठनतालिबान का स्वयं अमेरिका ने अफगानिस्तान में रूस के विरूद्ध उपयोग किया, घातक शस्त्रों से उसे लैस किया। वे सैन्य प्रशिक्षण देकर अफगानिस्तान वासियों के लिए अभिशाप बने। जब तालिबानियों को वहां से खदेड़ा गया वे भस्मासुर की तरह आतंककारी ओसामाबिन लादेन सरगना के अधीन स्वयं अमेरिका, यूरोप के लिए प्रमुखतः एवं भारत के लिए एवं कुछ हद तक रूस, चीन आदि सारे विश्व के लिए आतंक बन गये। पाकिस्तान ने पुन: साम्प्रदायिक एवं अधिनायकवाद के प्रभाव में अफगानआतंककारियों जैसे मोहम्मद-एवं लश्करे-तोयेबा में अन्तर कर अमेरिका विरोधी पांच सौ आतंककारियों को तो अमेरिका को सौंपा है जबकि भारत विरोधी एक भी आतंककारी को नहीं सौंपा है। अमेरीका भी इस नीति पर मौन है। वास्तव में आतंककारी सभी संगठन सारे विश्व के लिए खतरा है।
'विश्व व्यापार केन्द्र' न्यूयार्क एवं पेंटागन भवनों को ध्वस्त कर अलकायदा ने सारे अमेरीका जैसे महाशक्ति शाली देश को