Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar
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जैन साहित्य का विश्व पर प्रभाव/190
संभव होता। सारे ब्रह्माण्ड में मात्र पृथ्वी पर अब तक की जानकारी के अनुसार जीवन की लौ है । विज्ञान के वरदान में भी भयंकर अणु आयुधों का प्रलयंकारी ढेर है। अतः जैन दर्शन उपयोगी बने।
ऑल्डस हक्सले ने ठीक ही कहा है कि
विश्व शांति की शर्तों में निःशस्त्रीकरण, साम्राज्यवाद का निष्कासन तथा अहिंसा की सर्वमान्यता जीवन के हर क्षेत्र में आवश्यक है। मैं जोड़ना चाहूँगा कि धार्मिक कट्टरवाद, अधिनायकवाद , विरोधी विचार धारा का अंत करने वाले साम्यवाद . के निराकरण भी अनेकांत जैन दर्शन से बहुत संभव है। ____ जैन साहित्य के अधिकाधिक प्रचार एवं प्रसार से ही उक्त लक्ष्य संभव है। पश्चिम में भी शाकाहार का भी क्षेत्र बढ़ रहा है। एच.जी. वैल्स ने ठीक ही कहा है "शाकाहारी बनना सभ्य बनना
है।"