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श्रु०१, अ०१. उ०७ सू०५७ ७
आचारांग-सूची षष्ठ त्रसकाय उद्देशक त्रसकाय परिज्ञा अहिंसा विविध त्रसजीव प्राण, भूत, जीव और सत्व के विभिन्न सुख-दुख त्रसजीवों का लक्षण त्रसकायिक हिंसा के प्रयोजन पृथ्वीकायादि के आश्रित त्रसकायिक जीव त्रसकायिक हिंसा से विरत मुनि
,, , अविरत द्रव्यलिंगी ,, ,, की परिज्ञा
, के हेतु ,, , का फल
" , के फल का ज्ञान त्रसकाय का हिंसक अन्य अनेक जीवों का हिंसक
,, की हिंसा के विभिन्न प्रयोजन त्रसकाय के हिंसक को वेदना का अज्ञान
, अहिंसक को वेदना का ज्ञान , की हिंसा से विरत होने का उपदेश
,, परिज्ञा वाला ही मुनि है सूत्र संख्या ७
सप्तम वायुकाय उद्देशक अहिंसा
वायुकाय परिज्ञा ५६-५७ क वायुकायिक हिंसा से निवृत्त होने में समर्थ व्यक्ति
ख आत्म-समत्व
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