Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 8
________________ (४) ख्या लिखेंगे सो' दुलीचंदके हाथकी जाननी ॥ इस यात्राके रस्तेमें जाडेके दिनोंमें ठंड जादा पडती है सो रूईके वस्त्र जो चाहिएँ सो साथ लेवे॥ ॥ अव सिद्ध क्षेत्रोंके नाम लिखते हैं ॥ सोनागिरि १ दोनागिरि २ नैनागिरि ३ पटना ४ पावापुरी ५ गुणावा ६ राजनही ७ चंपापुरी। सम्मेद शिखर ए ये नौ सिद्ध क्षेत्र हैं ॥ ॥अब नगवानकी जन्मनगरीके नाम लिखते हैं ॥ हस्तिनापुर १ सौरिपुर २ कौसांबी ३ बनारस, सिंहपुरी ५ चंद्रपुरी ६ कुंडलपुरी चंपापुरी. अयोध्या ए सावीस्तीपुरी १७ नौराई २१ कपिला १२ ॥ ॥ अब अतिशय क्षेत्रोंके नाम लिखते हैं ॥ मथुरा १ पिरोजाबाद २ ग्वालियरके किल्लेमें मंदिर प्राचीन हैं ३ चंदेरीकेपास थोवनजी ४ टीकमगढके नजीक पपोराजी ५ छत्तरपुरकेपास खजराय ६ दमोसे आगे कुंडलपुर ७ ॥ अतिशय क्षेत्र उसको कहते हैं जहां हमेंसा बारों महीने जात्रीलोग आते जाते हैं । ये सर्व यात्राके नाम ऊपर लिखे तिनके जानेका रस्ता लिखते हैं ॥ ॥ ___ अंबालेकी छावनी सदर बजारमें मंदिर दो हैं अगरवाले श्रावकोंके सौ घर हैं। इहांसे आठ दिनका खानेका सामान वा पूजनकी सामग्री लेवे ॥१॥

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