Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 16
________________ (१२) थ स्वामीकी है ॥ ओसवाल दिगंबरका एक घर है। अगरवाले श्रावकोंके पंदरा घर हैं ॥ लवेचू श्रावकोंके चार घर हैं ॥ जेसवाल श्रावकोंके पाँच घर हैं।' मारवाडी अगरवाले श्रावकोंके चार घर हैं ॥ अलीपुरामें जेसवाल श्रावकोंके दो घर हैं ॥ जेलीपुरासे पाव मील खजवायपुरा है वहां चैत्यालय एक है ॥ जेसवाल श्रावकोंके आठ घर हैं ॥ २० ॥ वनारससे पूजनकी सामग्री लेवे ॥ खानेका सामान दो दिनका लेवे ॥ बनारससे पाँच मील सिंहपुरी है। वहां दिगंवरकी बड़ी धर्मशाला है उसमें ठहरे ॥ मंदिर एक बड़ा है। इस नगरी में श्रेयांसनाथ स्वामीके चारकल्याणक हुये हैं। इहांसे सात मील चंद्रपुरी है ॥ मंदिर एक है ॥ इहां चंद्रमन्नु स्वामीके चारकल्याणक हुये हैं । इहांसे बनारस आवे ॥ २१ ॥ बनारससे टिकट अयोध्याका लेवे ॥ रेलसे दो मील दिगंबरकी धर्मशाला है वहां - हरे ॥ मंदिर एक दिगंबरका है । इस अयोध्यामें पाँच तीर्थंकरोंका जन्म हुवा है ॥ ऋषन्न देवका १ अजितनाथका २ चौथे अभिनंदनका ३ पाँचवे सुमतनाथका ४, चौदवें अनंतनाथका ५ अयोध्यासे आठ मील साविस्ती नगरी तीसरे संनवनाथ खामीकी जन्म नगरी है। इस देशमें इस कालमें इस नगरीका नाम मेंढ- .

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