Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 51
________________ (२३) '. दिर है ॥ दूसरा मंदिर बाडीके बजारमें है ॥ मेंवाडा श्रावकोंके बीस घर हैं ॥ हुंबड श्रावकोंके तीन घर हैं। खंडेलवाल श्रावकोंके छ घर हैं ॥ अगरवाले श्रावकोंके दो घर हैं ॥ जेसवाल श्रावकोंका एक घर है ॥ इहांसे छ दिनका खानेका सामान लेवे ॥ पूजनकी सामग्री लेवे ॥ गाडीभाडे करें ॥ ३५ ॥ बडोदासे तीस मील पावागढ सीद्ध क्षेत्र है ॥ इहां धर्मशाला आदिमें ठहरे ॥ इहां दिगंबर मंदिर एक है ॥ इहांसे स्नान करके ॥ पूजनकी सामग्री लेके चले ॥छ मील पावागढ पर्वत ऊपर जावे इहांसे लव अंकुश लाडदेशका. राजा आदि पाँच करोडमुनि मुक्ति गये हैं । इहां पर्वत ऊपर मंदिर एक पार्श्वनाथ स्वामीका है ॥ पावागढसे बडोदे आवे ॥ ४० ॥ बडोदेसे टिकट बडवानका लेवे ॥ इहां धर्मशालामें ठहरे ॥ ४ ॥ बड़वानसे टिकट सोनगढका लेवे ॥ इहांसे गाडीनाडे करके चौदा मील पालीटाने जावे ॥ धर्मशालामें उहरे। इहांसे छ मील सर्चुजय पर्वत ऊपर जावे इहांसे युधिष्टिर नीम अर्जुन ॥ द्रविडदेशका राजा आदि प्रा• उ करोडमुनि मुक्ति नये हैं । इस पर्वत ऊपर दिगंब र मंदिर एक है ॥ नीचे पालीटानेमें मंदिर एक है। इहांसे सोनगढ आवे ॥ ४२ ॥ सोनगढसे टिकट

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