Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 50
________________ (२२) है जैसे उनके मनमे बीचार होता है उस मुजिब करते हैं । इहां शुद्ध दिगंबर आम्नायवालोंको धर्म सेवन करनेकी बड़ी तकलीफ थी इस वास्ते नाडेका मकान लेके प्रतिमाजी बिराजमानकी है पचास साठ आदमी बैठे उतनी जगे है । इहां हजारों आदमी शुद्ध दिगंबरी आते हैं उनको बैठके धर्म सेवन करनेको बडा मंदिर नहीं है जिसवास्ते सर्व देशके जैनीलाईयोंके तरफसे शुद्ध दिगंबर आनायका बडा मंदिर बनेगा इहां दिगांबर आवक धनवान नहीं है. इसवास्ते इसके बनानेका सर्व देशके जैनी नाई रुपैये देनेकी मदत जरूर करें ॥ और इस बंबइमें दिगंबरी इतनी जातके श्रावकोंके घर हैं उनके नाम लिखते हैं। खंडेलवाल श्रावकोंके घर हैं ॥ अगरवाले श्रावकोंके घर ॥ हुंबड श्रावकोंके घर ॥ नरसींगपुरा श्रावकोंके घर ॥ पल्लीवाल श्रावकोंके घर ॥ जेसवाल श्रावकोंके घर । सेतवाल श्रावकोंके घर ॥ पंचम भावकोंके घर इन आदिकै जातके श्रावकोंके धर हैं ॥ बंबई सहर बहुत बड़ा है उ-. जल वस्ती है देखनेलायक है ॥ ३९ ॥ बंबईसे टिकट बडोदेका लेवे चार पहरमें पोहचे॥ रेलके सामने बडी बडी धर्मशाला हैं उनमें ठहरे ॥ इहांसे दो मील पाणीदरवाजेके नजीक नवी पोलमें दिगंबर मं

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