Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 29
________________ . श्री॥ ॥ जैनयात्रादर्पण द्वितीयत्नाग॥ इस दूसरे नागमें बाहुबलीकी जैनबद्री मोडबद्री कारकलआदिके तरफकी सर्व यात्रा हैं ॥ तथा गिरनार मांगीतुंगी मुक्तागिरिआदिके तरफकी सर्व यात्रा हैं इनके जानेके निकाने खुलासा लिखे हैं इसीको अवलसे आखिरतक सबको बांचके बिचारकरके फिर यात्रा करनेको जावे. इस दोनों नागकी यात्रा सिवाय जो बाकी रही यात्रा सिद्धक्षेत्रोंकी वा नगवानके जन्म नगरीकी यात्रा सो इस दूसरे नागके पुस्तकके पिछाडीके अंतके पत्रमें लिखी हैं सो इनके ठिकाने मालुम नहीं हैं सो इसीको बांचके सबको सुनावे जो किसीको इनके ठिकाने मालुम होय तो सर्व देशमें लिख भेजें.. .

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