Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 46
________________ (१८) मील है ॥ वहा मंदिर एक है ॥ लाख रुपये अंदाज लगे होयगें ॥ जो. कोई जैनी नाई श्रावक यात्राको जावे तो इस मंदिरके जीर्ण उद्धार करनेको अपनी सक्ती माफीक द्रव्य जरूर देवे इहांसे मोडबद्री आदिकी यात्रा करनेको जावे ॥ एकसौ अस्सी मील अंदाज है॥ गाडीनाडे ठेकेमें करे॥ रोजिनदारीमें नहीं करे ॥ पंदरा दिनका खानेका सामान गेहुंका आटा आदि लेवे ॥ चांवल रस्तेमें बहुत मिलते हैं ॥ रस्ता सडकका है । किसी बातका भय नहीं है ॥ ३० ॥ श्रवण बिलगुलसे दो मील हेली ग्राम है। एक मंदिर है। श्रावकोंके दो घर हैं । इहांसे चंद्राय पट्टण छ मील है। इहांसे सोला मील शांतग्राम है। मंदिर एक है॥ श्रावकोंके चार घर हैं। आगे श्राप मील हसन नगर बड़ा है ॥ मंदिर दो हैं ॥ पंचम श्रावकोंके पचास घर हैं ॥ जैनी ब्राह्मणों के पाँच घर हैं । इहांसे हलीबीडकी यात्रा बीस मील है। मंदिर तीन हैं । शांतिनाथ स्वामीकी ॥ पार्श्वनाथस्वामिकी ए दो प्रतिमा कायोत्सर्ग ऊंची अंदाज सोला हाय है। ॥ ३१ ॥ इहांसे बेलोर दश मील है बड़ा नगर है। इहांसे बाइस मील गिरामबीजरुली छोटा ग्राम पहाडमें काडीमें है ॥ इहांसे सोला 'मील अंगरेजोंकी

Loading...

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61