Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 21
________________ . (१७) धातका एक है । इनमें चारों तरफमें आठ प्रतिमा कमती हैं ॥ परवार श्रावकोंके । गोलालारे श्रावकोंके पैंतीस घर हैं ॥ झांसीसे डेढ मील एक बाग पुराणा बहुत दिनका है इहां प्राचीन मंदिर एक है इनमें मतिमाका समूह है ॥ इहांके दर्शन जरूर करे ॥ काँसीसे एक मील छावनी सदर वजारमें मंदिर एक है। खंडेलवाल श्रावकोंके चार घर हैं ॥ गोलालारे श्रावकोके चार घर हैं ॥४॥ फांसीसे टिकट ललतपुरका लेवे छप्पन मील है। रेलसे पाव मील ऊपर दिगंबरी मंदिर एक वडा है । इहांसे डेढ मील सहरमें मंदिरके पास धर्मशाला है वहां ठहरे॥ मंदिर तीन हैं। चैत्यालय एक है ।। परवार श्रावकोंके दोसौ पैंसठ घर हैं ॥५॥ ललतपुरसे चंदेरीकी थोवनजीकी यात्रा करनेकों जावे॥ गाडी मजबूत होयसो साथ लेवे रस्तेमें पत्थर है। पूजनकी सामग्री जादा लेवे ॥ खानेका सामान आठ दिनका लेवे ॥ ललतपुरसे चंदेरी गाडीके रस्ते इक्कीस मील है ॥ ६॥ ललतपुरसे बुढारा छ मील है। मंदिर एक है। परवार श्रावकोंके ॥ गोलापुरव श्रावकोंके पंदरा घर हैं ॥ इहांसे केलवाडा पाँच मील है ॥ मंदिर एक है। श्रावकोंके चार घर हैं । इहांसे बेदवंती नदी दो मील है वडी जारी है इसमें पत्थर बड़े बड़े बहुतसे हैं सो एक श्रादमी साथ मजबूत हुशियार लेवे इसीका हाथ पक

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