Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 19
________________ (१५) हासे कायमगंज पावे ॥ २६ ॥ कायमगंजसे टिकट मेडूका लेवे ॥ २७ ॥ मेंडूसे टिकट दिल्लीका लेवे ॥ २४ ॥ दिल्लीसे टिकट अंबालेकी छावनी आदि अपने अपने देश नगर जानेका लेवे ॥ २ए ॥ ॥ अब इस यात्राके बीच दूसरी यात्रा बुंदेलखंडके तरफकी और है उसीके जानेका रस्ता लिखते हैं । पिरोजाबादसे टिकट लसकरका लेवे बीचमें टोंडले. के इष्टेसनपर इस रेलसे उतरके आगरे लसकर जानेवाली रेलमें बैठे ॥ लसकरकी रेनके इष्टेसनसे दाना ओलीबजार दो मील है वहाँ चंपा बागमें खंडेलवाल श्रावकोंकी धर्मशाला है तथा दूसरी धर्मशाला तेरापंथी श्रावकोंकी है इन दोनों में ठहरे ॥ मंदिर पंदरा हैं। चैत्यालय पाँच हैं। खंडेलवाल श्रावकोंके अंदाज सातसौ घर हैं ॥ जेसवाल श्रावकोंके पैंसठ घर हैं ॥ खरोवा भावकोंके सात घर हैं । अगरवाले श्रावकोंके पैंतीस घर हैं ॥ बरैया श्रावकोंके पैंतीस घर हैं ॥ इहांके श्रावक खानपानको क्रिया देशकाल मुजब शुद्ध करते हैं ॥ ये सहर बहुत बड़ा है राजाका राज है ॥१॥ इहांसे ग्वालियर दो मील है । मंदिर तीन हैं । चैन्यालय पंदरा हैं ॥ अगरवाले श्रावकोंके सौ घर हैं । जेसवाल श्रावकोंके दश घर हैं ॥ लोइया.श्रावकोंके

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