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(१८) डके उतरे ॥ बेदवंती नदीसे प्राणपुरा गांव सात मील है ॥ मंदिर एक है ॥ परवार श्रावकोंके पचास घर हैं। इहांसे चंदेरी गाडीके रस्ते दो मील है। मंदिर तीन हैं। इनमें एक मंदिरमें चौबीस मंदिर न्यारे न्यारे शिखरबंध ध्वजा कलससहित हैं। इनमें चौबीस प्रतिमा पद्मासन न्यारी न्यारी हैं। एक एक प्रतिमा पौने ती. न हाथ उंची पावटी शुद्धां है । जैसे शास्त्रमें चौबीस महाराजके रंग लिखे हैं वैसे न्यारे न्यारे रंग हैं। चंदेरीसे एक मील ऊपर पर्बत है उसमें खोदके बहुत बड़ी प्रतिभा कायोत्सर्ग बनाई हैं। उसके पांवका पंजा लंबा चार हाथ है । इस पर्बतमें औरजी प्रतिमा खोदके बनाई है ॥ चंदेरीसे पाव मील हाटकापुरा है। वहां मंदिर एक है ॥ परवार श्रावकोंके पंदरा घर हैं। तथा चंदेरीमें परवार श्रावकोंके पैंसठ घर हैं। खंडेलवाल श्रावकोंके बारा घर हैं ॥ गोलापुरव श्रावकोंका एक घर है ॥ इहांसे दो मील रामनगर है वहां मंदिर एक है ॥ परवार श्रावकोंके पाँच घर हैं ॥७॥ चंदेरीसे एक आदमी रस्तेका जाननेवाला साथ जरूर लेवे ॥ इहां जंगल है। इहांसे थोबनजीकी यात्रा गाडीके रस्ते ग्यारा मील है ॥ इहां मंदिर सोला हैं | इनमें प्रतिमा कायोत्सर्ग उंची बीस हायसे लगाके दो हाथकी उंची है ॥ इहां जंगल है एक मीलऊपर दो