Book Title: Jain Yatra Darpan Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 7
________________ अथ जैनम्मियोंकी तीर्थयात्रा वर्णन करते हैं। पंजाब देशमें अंबालेकी छावनीसे लेकर कलकते हाथेके देशके तीर्थोंकी ॥ तथा बुंदेल खंडके देशके तीथोंकी यात्रा क्रमसे ॥ प्रथम सिद्ध क्षेत्रोंके नाम ॥ फिर इन क्षेत्रोंमें मुक्त नए मुनिजनोंकी संख्या ॥ फिर जगवानके जन्मनगरीके नामोंकी संख्या ॥ फिर अतिशय क्षेत्रोंके नामोंकी संख्या ॥ और इनके मार्गमें जो जो मंदिर तथा जो जो चैयालय आवेंगे उनकी संख्या जिस नगरमें सालकी साल मेला लगके बडा उच्छव होता है उसकी मीती लिखेंगे ॥ और जिस नगरमें वा जिस ग्राममें श्रावकोंके जितनी जातके घर आवेंगे उनकी अंदाज संख्या ॥ और रस्तेमें बड़े छोटे नगर आवेंगे उनके नाम ॥ जहां रेल बदलेगी उस नगरका वा ग्रामका नाम ॥ और जिस नगरका वा ग्रामका टिकट लेवेंगे उसका नाम ॥ रस्तेमें जो वस्तु खानेकी आदि चाहिए सो जिस नगरमें जैनी श्रावक होवे उनकी मारफत लेवे तो सोधकी अच्छी मिलेगी। और गाडी घोडा'आदि नाडे करना होवे तो इनकी मारफत करे तो फायदा रहेगा ॥ और सर्व बातकी जुम्मे"दारी इनकी रहेगी। और जिस नगरमें बड़ी प्रतिमा होवेगी उसकी ऊंचाइ चौडाइकी जहांकी प्रमाणकी संPage Navigation
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