Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 13
________________ हैं । यह सहर बहुत बड़ा है ॥ १९॥ इलाहाबादसे कौसांबीकी यात्रा बत्तीस मील है॥ गाडीनाडे करे ॥ छ दिनका खानेका सामान लेवे ॥ पूजनकी सामग्री लेवे ॥ कौसांबीमें पद्मप्रभु स्वामीके चार कल्याणक हुये हैं। मंदिर एक है । इहां कोई देव है उसीको जिनंद्रकी नक्ति है सो केशरकी वर्षा करे है ॥ कौसांबीसे इलाहाबाद आवे ॥१२॥ इलाहाबादसे सामके पाँचबजे टिकट पटनेका लेवे सूरज उगते पहले उतरे ॥रे. लसे दो मील सुदर्शन सेवके बगीचेके सामने ॥ नेमनाथखामीके मंदिरके पास थोडे आदमी ठहरनेकी जगे है । इस पटनेमें सुदर्शन सेठ मोक्ष जये हैं ॥ मंदिर पाँच हैं । चैत्यालय एक है। जेसवाल श्रावकोंके दश घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके पाँच घर हैं । अगरवाले श्रावकोंका एक घर है यह सहर बहुत बड़ा है॥ १३॥ पटनेसे टिकट बक्त्यावरपुरका लेवे दो इष्टेसन हैं ॥ इ. हांसे गाडी नाडे ठेकेमें करे रोजिनदारीमें नहीं करे॥ पावापुरी ॥ राजग्रही ॥ गुणावा ॥ कुंडलपुर आदिकी यात्राके वास्ते भाडे करे ॥ १४ ॥ बक्त्यावरपुरसे बिहार अगरा मील है। मंदिर दो हैं। श्रावकोंके तीन घर हैं ॥ इहांसे पूजनकी सामग्री जादा लेवे ॥ खानेका सामान दश दिनका लेवे ॥ १५॥ बिहारसे पावापुरी

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