Book Title: Jain Yatra Darpan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ में मंदिर एक है ॥ जयसिंहपुरेमें मंदिर एक है । सर्व मंदिर पाँच हैं ॥ चैत्यालय तीन हैं ॥ आगे चैत्यालय सात थे ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके सवासौ घरथे॥ अब मौजूद सात घर हैं ॥ अगरवाले श्रावकोंके पाँच धर हैं ॥ ७ ॥ मथुरासे टिकट आगरेका लेवे॥ चालीस मील है रेलसे एक मील बेलनगंज है। वहां दिगंबर मंदिर एक जमुना नदीके किनारे सडकके बराबर है ॥ इहां धर्मशाला है इनमें ठहरे ॥ मंदिर तेरा हैं। चैत्यालय नौ हैं ॥ सहरमें ॥ बेलनगंजमें ॥ छीपीटोलेमें ॥ नाइकी मंडीमें ॥राजाकी मंडीमें ॥ शिकंदरेमें ॥ नुनीहाईमें ॥ ताजगंजमें ॥ इन सर्व ठिकाने दर्शन करे ॥ अगरवाले श्रावकोंके तीनसौ घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके पौनेदोसौ घर हैं ॥ जेसवाल श्रावकोंके तीनसौ घर हैं ॥ पल्लीवाल श्रावकोंके पिच्छतर घर हैं ॥ लवेचूं श्रावकोंके घर है ॥ आगरा सहर बहुत बड़ा है ॥ ॥ आगरेसे टिकट पिरोजा बादका लेवे पच्चीस मील हैं । बीचमें रेल टोंडलेमें बदलती है सो इस रेलसे उतरके पिरोजाबाद जानेवाली रेलमें बैठे ॥ रेलसे एक मील चंद्रप्रनु खामीका मंदिर है वहां धर्मशालामें ठहरे ॥ मंदिर पाँच हैं। चैत्यालय तीन हैं ॥ इहां हीराकी प्रतिमा तथा

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61