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स्फटिककी प्रतिमा हैं । इहां हमेसा सालकी साल चैतमें मेला होता है मीतीका पहिराव नहीं है बहुतसे आदमी इकडे होते हैं अगरवाले श्रावकोंके अंदाज सवासौ घर हैं ॥ पद्मावती पुरवार श्रावकोंके पचासं घर हैं ॥ पल्लीवाल श्रावकोंके सत्रा घर हैं ॥ लोइया श्रावकोंके सात घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके पाँच घर हैं।लवेचू श्रावकोंके आठ घर है ॥ खरौवा श्रावकोंके सात घर हैं ॥ ए ॥ इहांसे गाडी नाडे करे । तीन दिनका खानेका सामान लेवे ॥ पूजनकी सामग्री लेवे॥ पिरोजाबादसे आहाईस मील बटेश्वर है ॥ इसीको सौरिपुर कहते हैं । ये नेमनाथ खामीकी जन्मनगरी है । इहां जमुना नदीके किनारे एक मंदिर दिगंबरका बहुत बडा है । बैष्णवके मंदिरोंके बीचमें है इहांकी यात्रा जरूर करे ॥ इहांसे पिरोजाबाद आवे ॥ १० ॥ पिरोजाबादसे टिकट रातके सातबजे इलाहाबादका लेवे सूरज उगते उतरै ॥ रेलसे एक मील चौंक है इसके नजीक पानके दरीबमें अगरवाले श्रावकोंकी धर्मशालामें ठहरै ॥ मंदिर तीन हैं । चैयालय सात हैं। अगरवाले श्रावकोंके नचे घर हैं ॥ जेसवाल श्रावकोंके पाँच घर हैं ॥ लवेचू श्रावकोंके दो घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके दो घर हैं ॥ पल्लीवाल श्रावकोंके दो घर