Book Title: Jain Tattva Darshan Part 07
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 48
________________ का उपयोग होता है जो कि आठ महिने अभक्ष्य है । अत: खाने से पूर्व सावधान होने जैसा है । अर्थात्, कहने का आशय यह है कि ऐसी अभक्ष्य वस्तुओं के आगे जैन शब्द लगा हुआ होने से वह वस्तु खाने योग्य नहीं बनती । ऊपर का लेबल बदलने मात्र से माल की गुणवत्ता नहीं बढ जाती । अंदर का माल तो डुप्लीकेट ही है, अत: सावधान होना चाहिए, शब्द जाल से भ्रमित न हों। __E. जंक फूड सत्य घटना : वडोदरा का कँपकँपी उठे ऐसा किस्सा है । वहाँ एक लडकी ने रात्रि में लॉरी वाले के पास से पानी पूरी खाई, खाकर घर लौटी, रात्रि में सो गई, दूसरे दिन तो उसके शरीर में ऐसा रोग फैला कि संपूर्ण शरीर में फोडे उठ गए और उनमें कीडे बुदबुदाने लगे । भयंकर वेदना होने लगी । वेदना असह्य थी, अत: अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने उपचारों में कोई कमी न रखी, परंतु अंत में उन्होंने हाथ झटक दिये और कहा कि ऐसा केस पहला ही आया है । इसकी कोई दवाई नहीं है, मृत्यु ही निश्चित है। लडकी को प्रचंड वेदना सता रही है । छटपटा रही है, आँखों से अविरत अश्रु प्रवाहित हो रहे हैं । यह दृश्य जन्मदाता पिता से भी नहीं देखा जाता था, वह भी आँसू बहा रहा है । क्या उपाय करें? कहाँ जाएँ ? डॉक्टरों ने कह दिया कि अब जहर का इंजेक्शन देकर लडकी की जीवन लीला समाप्त करने के सिवाय अन्य कोई चारा नहीं है । अनिच्छा से भी पिता को यही उपाय आखिरकार स्वीकार करना पड़ा, अन्यथा 17-18 वर्षीया कॉलेज में अध्ययनरत युवा पुत्री की मृत्यु की कामना कौन करें? उसने बाहर का खाया, रात्रि में खाया, जिससे उसमें कोई विषैली वस्तु या कोई विषैला जंतु खाने में आया होगा ? जिसके कारण उसकी ऐसी स्थिति हुई। ____ भारत सरकार के आरोग्य मंत्रालय ने गत वर्ष 16 शहरों के होटलों में सर्वेक्षण करवाया, उसमें जानने मिला कि खुराक के संग्रह हेतु बर्तन व पेटियाँ खुल्ली एवं गंदी थी । उस पर मक्खियाँ और जीवजंतु उड रहे थे और कर्मचारी हाथ व बर्तनों को साफ किए बिना ही खुराक की वस्तुओं क मिश्रण कर रहे थे। आरोग्य व स्वच्छता का कोई ध्यान देते नहीं थे। तो मित्रों ! आप भी ऐसी स्थिति के शिकार न बनें । इस बात के लिए सजग रहे ! और अपना स्वाद या शौक छोड दें। जंक फूड के विषय पर मुकुंद मेहता का एक लेख पढने में आया । उसके संक्षेप में कुछ शब्द यह है कि अंग्रेजी शब्द जंक का अर्थ है निरर्थक वस्तुएँ या कचरा । यह शब्द जब आहार के लिए प्रयुक्त हो तब जो लोक जंक फूड खाने के अभयस्त है, उन्हें इशारे में समझना चाहिए, कि वे जड़ा जब जंक फूड खाते है, तब तब वे ज्ञात-अज्ञात वश अपने शरीर में कचरे जैसा आहार डालते हैं। शरीर को ऐसे आहार से पोषण प्राप्त होने की बात तो कोसो दूर रही, परंतु शरीर को प्रत्येक रीति से हानि पहुँचती है। क्योंकि उसमें मसाले, तेल के बजाय पामऑइल और अन्य भी पदार्थ जो उपयोग में लेते हैं, उनसे हार्ट अटेक बी.पी., पेट में एसीडीटी, जलन आदि अनेक रोग होते है और आपको तो पता ही होगा कि इडली के आटे में खमीर (आथा) लाने के लिए पोटरी को गटर में लटकाया जाता है । बनाने की गंदी विधि है इतना ही 46

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