Book Title: Jain Tattva Darshan Part 07
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 54
________________ जीव मुक्त संसारी जसा 1. पृथ्वीकाय (4) अप्काय (4) तेईन्द्रिय (2) चउरिन्द्रिय (2) पंचेन्द्रिय (2) तेउकाय (4) स्थावर (एकेन्द्रिय) (22) वाउकाय (4) वनस्पतिकाय बेईन्द्रिय (2) साधारण (4) प्रत्येक (2) पर्याप्त-अपर्याप्त सूक्ष्म-पर्याप्त-अपर्याप्त बादर-पर्याप्त-अपर्याप्त बा. अपर्याप्ता पं. तिथंच(20) बादर-पर्याप्त देव (198) जलचर(4) स्थलचर खेचर 4 भवनपति व्यंतर ज्योतिष 52 नरक(14) रत्नप्रभा शर्कराप्रभा वालुकाप्रभा पंकप्रभा धूमप्रभा तमप्रभा मनुष्य(303) 15 कर्मभूमि 30 अकर्मभूमि 56 अंतरद्वीप 101 101 गर्भज पर्याप्त 101 गर्भ. अपर्याप्त 101 समु. अपर्याप्त 303 कुल मनुष्य | चतुष्पद(4) भूज(4) उर(4) ___ -परिसर्प -परिसर्प जीवों के 563 भेद का चार्ट वैमानिक 12 वैमानिक 5 अनुत्तर 9 गैवेयक 9 लोकांतिक 3 किल्बिषिक 38 10 भवनपति 8 व्यंतर 5 चर 15 परमाधामि 8 वाण व्यंतर 5 अचर 10 तिर्यक् जुंभक 10 26 तमस्तमप्रभा समुर्छिम-पर्याप्त-अपर्याप्त गर्भज-पर्याप्त-अपर्याप्त 7 पर्याप्त 7 अप्ति 14 कुल नरक कुल तिर्यंच 22 स्थावर (तियंच) एकेन्द्रिय 6 विकलेन्द्रिय (तियंच) 20 पंचेन्द्रिय (तिर्यंच) 48 तिर्यच 14 नरक 48 तिर्यंच 303 मनुष्य 198 देव 563 कुल भेद कुल देव 25 भवनपति 26 व्यंतर 10 ज्योतिष 38 वैमानिक 99 हू 2 (पर्या. अपर्या.) = 198

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