Book Title: Jain Tattva Darshan Part 07
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

View full book text
Previous | Next

Page 87
________________ WE NEVEF WENT TO THE MOON A. सत्य का परदा खुल रहा है - चन्द्रयात्रा षडयंत्र दक्षिण केलिफोर्निया में 'रोकेट डाईन' नाम की अमेरिकन कम्पनी के रिसर्च डिपार्टमेन्ट के तकनिकी विभाग के प्रमुख कार्यकारी 72 वर्षीय मि. बिल केसिंग ने संपूर्ण चंद्रयात्रा के रहस्यमय षडयंत्र के लौह आवरण को, वर्षों की मेहनत एवं प्राण को खतरे में डाल कर 'वी नेवर वेन्ट टु द मून' नामक पुस्तक प्रकाशित कर, अनावृत किया है। यह 100 पृष्ठ की पुस्तक है । इसमें अमेरिका के रेगीस्तान जैसा मरूस्थलीय प्रदेश नेवाड़ा राज्य के एक स्टुडियो क्र. 4 में नील आर्मस्ट्रोंग की चन्द्रमा पर उतरने की शूटिंग हुई तथा विश्व के 1 अरब से अधिक लोगों को 1969 में जीवन्त=Live शूटिंग बताकर अमेरिका ने आंखों में धूल झोंकने का कार्य किया है, यह प्रमाणों के साथ, बताया है । इस पुस्तक में 62 चित्र है । नेवाड़ा कहाँ है ? उसका नक्शा, इस शूटिंग का नाटक कहाँ किया गया उसका नक्शा, वहाँ के कार्यालय एवं स्टाफ वगैरह सभी के चित्र प्रकाशित हैं । बिल केसिंग स्वयं रोकेट बनाने वाले विभाग के प्रमुख हैं । इसलिए स्वयं के सत्यानुभव इस पुस्तक द्वारा प्रकाशित कर चन्द्रयात्रा के षडयंत्र पर डाले गये लौह आवरण को उठा कर समस्त वैज्ञानिक विश्व में हडकम्प मचा दिया है । यह पुस्तक जंबूद्वीप रिसर्च सेन्टर पालिताणा के कार्यालय B. चन्द्रमा स्व-प्रकाशित है या पर प्रकाशित ? पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाया जाता है कि चन्द्रमा पर सूर्य का प्रकाश गिर कर परावर्तित होता है । इस कारण चन्द्रमा प्रकाशित दिखता है । चन्द्रमा की उत्पत्ति पृथ्वी से हुई है । पैसेफिक महासागर का हिस्सा पृथ्वी से अलग होकर ऊपर गया । वही चन्द्रमा बना । ___ विचारणीय बात है कि यदि चन्द्रमा पृथ्वी का हिस्सा हो तो क्या वह प्रकाश का परावर्तन कर सकता है ? ऐसा तो उसी समय हो सकता है जब चन्द्रमा काँच, धातु अथवा पोलिश किए गये किसी पदार्थ का बना हो । मिट्टी के ढेले पर यदि टोर्च का प्रकाश डाले तो उसका परावर्तन नहीं होता । काँच या किसी पोलिश की गई चिकनी सतह वाली वस्तु पर टोर्च का प्रकाश डालें तो परावर्तन होता है, यह बात समझने योग्य है । 3 - 85

Loading...

Page Navigation
1 ... 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120