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की उत्पत्ति नहीं होती है ।
4. पारा : अनाज में पारा की गोली डालने से अनाज सड़ता नहीं तथा जीवोत्पत्ति होती नहीं । 5. ऐरंडी का तेल : गेहूँ, चावल, मसाला, आदि को यह तेल लगाने से जीव नहीं होते तथा उसकी गंध से चींटियाँ दूर चली जाती हैं ।
6. घोड़ावज : पुस्तकों की अलमारी में घोड़ावज रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती है ।
7. तंबाकू : कपड़े अथवा पुस्तकों की अलमारी में तंबाकू के पत्ते रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती है । 8. चूना : उबालकर ठंडे किये हुए पानी में चूना डालने से वह पानी 72 घंटे तक अचित्त रहता है। चूना पोतने से दीवारों पर जीव-जंतु जल्दी नहीं आते हैं ।
9. डामर : डामर के उपर निगोद की उत्पत्ति नहीं होती । इससे उदेहि की उत्पत्ति भी रुकती है ।
10. केरोसिन : चमड़ी के उपर केरोसिन घिसने से मच्छर नहीं काटते। जमीन पर केरोसिन वाले पानी से पोछा करने से चींटी नहीं आती है ।
11. राख: चींटियों की लाइन के आस-पास राख डालने से वें चली जाती हैं । अनाज में राख मिलाकर डिब्बे में रखने से अनाज सड़ता नहीं ।
12. कपूर : कपूर की गोली की गंध से चूहे दूर भागते हैं तथा उनका आना-जाना - दौड़ना कम हो जाता है। कपूर का पाउडर आजु-बाजु डाल देने से चींटी चली जाती है ।
13. गंधारोवण : लकड़ी की अलमारी में यह रखने से जिंगुर ( वांदा = कॉकरोच) की उत्पत्ति नहीं होती । 14. कंकु : कंकु डालने से चींटियाँ चली जाती हैं।
15. हल्दी : हल्दी डालने से चींटियाँ चली जाती हैं ।
16. गेरू : लाल रंग का चूना (गेरु) दीवार पर पोतने से उदेहि नहीं होती है ।
17. रंग - वार्निश - पालिश : लकड़ी पर निगोद और जीवोत्पत्ति रोकने हेतु ।
निगोद को पहचानो
चौमासे की ऋतु में घर के कम्पाउन्ड में, पुरानी दीवारों पर अथवा कमान की छत पर (अगासी) हरी, काली, भूरी, आदि रंगों की (सेवाल - लील) जम जाती हैं। उसी को निगोद कहते हैं। आलु वगैरह कंदमूल के जैसे ही निगोद भी अनंतकाय हैं। उसके एक सूक्ष्म कण में भी अनंत जीव होते हैं ।
उसके ऊपर चलने से, सहारा लेकर बैठने से, उस पर वाहन चलाने से अथवा उस पर कोई वस्तु रखने से या पानी डालने से निगोद के अनंत जीवों की हिंसा होती है।
आलु (बटाटा) आदि अनंतकाय है । जब उन्हें दांतों तले चबाना महापाप है तो अनंतकाय ऐसी निगोद को हम पैरों के नीचे कैसे कुचल दें ?
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