Book Title: Jain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Author(s): Devendra Jain
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust

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Page 9
________________ श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला प्रश्न 32 - अजीवद्रव्य कौन से हैं ? उत्तर - पुद्गल, धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाश और काल। प्रश्न 33 - रूपी का अर्थ क्या? और अरूपी का क्या? उत्तर - जो स्पर्श, रस, गन्ध और वर्णसहित हो, वह रूपी; और जो उनसे रहित हो, वह अरूपी। प्रश्न 34 - छह द्रव्यों में रूपी कौन हैं और अरूपी कौन? उत्तर - एक पुद्गलद्रव्य रूपी है और शेष पाँच अरूपी हैं। प्रश्न 35 - आत्मा को प्रदेशरूप असंख्य अवयव मानने से उसके खण्ड होंगे या नहीं? उत्तर - नहीं, क्योंकि आत्मा क्षेत्र द्वारा अखण्डित होने के कारण उसके खण्ड नहीं हो सकते। (पञ्चाध्यायी भाग - 1, गाथा 414) प्रश्न 36 - जीव, पुद्गल, आकाश और काल को दो-दो भेदों में रखो। उत्तर - (1) जीव – संसारी और सिद्ध। (2) पुद्गल – परमाणु और स्कन्ध। (3) आकाश – लोकाकाश और अलोकाकाश। (4) काल - निश्चयकाल और व्यवहारकाल। प्रश्न 37 - जगत् में क्षेत्र की अपेक्षा सबसे बड़ा कौन है ? उत्तर - आकाशद्रव्य। प्रश्न 38 - आत्मा (जीव) के शरीर होता है ? हो तो कैसा होता है?

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