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प्रकरण दूसरा
प्रश्न 91 - चक्षुदर्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर - चक्षुइन्द्रिय द्वारा मतिज्ञान होने से पूर्व जो सामान्य प्रतिभास हो, उसे चक्षुदर्शन कहते हैं ।
प्रश्न 92 - अचक्षुदर्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर - चक्षुइन्द्रिय को छोड़कर शेष चार इन्द्रियों और मन द्वारा मतिज्ञान होने से पूर्व जो सामान्य प्रतिभास हो, उसे अचक्षुदर्शन कहते हैं ।
प्रश्न 93 - अवधिदर्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर - अवधिज्ञान होने से पूर्व जो सामान्य प्रतिभास होता है, उसे अवधिदर्शन कहते हैं ।
प्रश्न 94 - केवलदर्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर - केवलज्ञान के साथ होनेवाले सामान्य प्रतिभास को केवल दर्शन कहते हैं । (- आत्मा स्व-पर का दर्शक और ज्ञायक है। ) प्रश्न 95 - दर्शनोपयोग कब उत्पन्न होता है ?
उत्तर- छद्मस्थ जीवों को ज्ञानोपयोग से पूर्व और केवलज्ञानियों को ज्ञानोपयोग के साथ ही दर्शनोपयोग होता है ।
प्रश्न 96 - ज्ञान के कितने भेद हैं ?
उत्तर - ज्ञान गुण तो नित्य एकरूप ही होता है, किन्तु उसकी सम्यक्-पर्याय के पाँच भेद हैं- मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मन:पर्ययज्ञान और केवलज्ञान । - यह पाँचों सम्यक्ज्ञान के भेद हैं।
मिथ्याज्ञान की तीन पर्यायें हैं- कुमति, कुश्रुत और कुअवधि । इस प्रकार आठ पर्यायें हुईं ।