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प्रकरण दूसरा
स्थिरतारूप नहीं कर सकते। दोनों द्रव्य अपनी क्रियावतीशक्ति की उस समय की योगयतानुसार स्वतः गमन करते हैं या स्थिर रहते हैं।]
प्रश्न 106 - मोटर पेट्रोल से चलती है या उसे ड्राईवर चलाता है?
उत्तर - मोटर पेट्रोल या ड्राईवर से नहीं चलती, किन्तु उसके प्रत्येक परमाणु में क्रियावतीशक्ति है। अपने क्षणिक उपादान की योग्यता से ही वह चलती है। स्थिर रहने योग्य हो, उस समय अपनी क्रियावतीशक्ति के कारण ही वह स्थिर रहती है; अन्य तो निमित्तमात्र हैं। निमित्त से उपादान का कार्य नहीं होता, किन्तु संयोग का ज्ञान कराने के लिए उपचार से वैसा कथन होता है।
प्रश्न 107 - 'सिद्ध भगवान हुए, वह लोकाग्र में ही स्थिर हैं; वे सचमुच धर्मास्तिकाय के अभाव से लोक के ऊपर नहीं जाते' - यह बात सही है?
उत्तर - नहीं, क्योंकि जो जीव सिद्ध परमात्मदशा प्रगट करता है, वह भी लोक का द्रव्य है, इसलिए वह एक समय में लोकपर्यन्त जाने की ही विशिष्ट योग्यता रखता है। धर्मास्तिकाय के अभाव को उसका कारण कहना, वह निमित्त का ज्ञान कराने के लिए व्यवहार का कथन है; निश्चय से वैसी योग्यता ही न हो तो निमित्त में इस प्रकार कारणपने का आरोप नहीं आ सकता।
प्रश्न 108 - वीर्य गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - आत्मा की शक्ति-सामर्थ्य [बल] को वीर्य