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प्रकरण दूसरा
(6) कोई वस्तु अपने स्वक्षेत्ररूप आकार के बिना नहीं होती, और आकार छोटा-बड़ा हो, वह लाभ-हानि का कारण नहीं है; तथापि प्रत्येक द्रव्य को स्व- अवगाहनरूप अपना स्वतन्त्र आकार अवश्य होता है - ऐसा प्रदेशत्व गुण बतलाता I
इस प्रकार छहों सामान्यगुण प्रत्येक द्रव्य की स्वतन्त्र व्यवस्था बतलाते हैं ।
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विशेष गुण
उत्तर
प्रश्न 84 - प्रत्येक द्रव्य में कौन-कौन से विशेष 'गुण हैं ? (1) जीवद्रव्य में - चैतन्य ( दर्शन - ज्ञान), श्रद्धा (सम्यक्त्व) चारित्र, सुख, वीर्य, क्रियावतीशक्ति, वैभाविक - शक्ति आदि;
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(2) पुद्गलद्रव्य में - स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण, क्रियावती शक्ति, वैभाविक शक्ति आदि;
( 3 ) धर्मास्तिकाय द्रव्य में - गतिहेतुत्व आदि;
( 4 ) अधर्मास्तिकाय द्रव्य में - स्थितिहेतुत्व आदि;
( 5 ) आकाश द्रव्य में - अवगाहनेहतुत्व आदि;
( 6 ) कालद्रव्य में - परिणमनहेतुत्व आदि विशेष गुण हैं । प्रश्न 85 - चेतन, चैतन्य और चेतना किसे कहते हैं ? उत्तर- (1) जीवद्रव्य को चेतन कहते हैं ।
(2) चैतन्य, वह चेतनद्रव्य का गुण है; उसमें दर्शन और ज्ञान इन दोनों गुणों का समावेश हो जाता है।