Book Title: Jain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Author(s): Devendra Jain
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust

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Page 12
________________ 12 प्रश्न 45 एक जीव कम से कम स्थान ले तो वह लोकाकाश के कितने प्रदेश रोकेगा ? उत्तर - जीव की जघन्य अवगाहना भी असंख्य प्रदेशों में होती है। जीव को अवगाहना संख्यात या एक प्रदेशी कभी नहीं होती । आकाश को अवगाहन में कौन निमित्त है ? प्रश्न 46 उत्तर - वही स्वयं को अवगाहन में निमित्त है । - द्रव्य हैं ? प्रश्न 47 कालद्रव्य असंख्य हैं, उसे परिणमन में कौन निमित्त हैं ? उत्तर प्रश्न 48 उत्तर (जड़) हैं। प्रकरण पहला - - - उत्तर- धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय । प्रश्न 49 - समस्त द्रव्यों को चेतन, अचेतन (जड़) - ऐसे दो विभागों में रखिये। चेतन मात्र जीव है और शेष पाँच द्रव्य अचेतन वह स्वयं ही अपने को परिणमन में निमित्त है । लोकाकाश की सीमा बतलानेवाले कौन से प्रश्न 50 - अरूपी और अचेतन ऐसे कितने द्रव्य हैं ? उत्तर - चार हैं - धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाश और काल । प्रश्न 51 आकाश के एक प्रदेश में कितने परमाणु पृथक् और कितने स्कन्ध रह सकते हैं ?

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