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प्रकरण दूसरा
द्रव्य अपना कार्य किये बिना नहीं रहता - ऐसा वस्तुत्व गुण बतलाता है। (4) प्रमेयत्व गुण
प्रश्न 48 - प्रमेयत्व गुण किसे कहते हैं ?
उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य किसी न किसी ज्ञान का विषय हो, उसे प्रमेयत्व गुण कहते हैं ?
प्रश्न 49 - 'किसी न किसी ज्ञान' का क्या मतलब?
उत्तर - मति, श्रुत, अवधि, मनःपर्यय और केवलज्ञान - इन पाँच में से कोई भी एक अथवा अधिक ज्ञान।
प्रश्न 50 - जगत् में कोई पदार्थ ऐसा है जो ज्ञात हुए बिना रहे ? यदि वह ज्ञात हुए बिना रहे तो क्या दोष आयेगा?
उत्तर - ऐसा कोई पदार्थ नहीं है जो ज्ञात हुए बिना रहे । यदि वह ज्ञात हुए बिना रहे तो प्रमेयत्व गुण का नाश हो जाये, और एक गुण का नाश होने से उसके साथ के अस्तित्वादि समस्त गुणों का भी नाश हो जाएगा। ऐसा होने से द्रव्य ही नहीं रहेगा।
प्रश्न 51 - जगत् में कितने द्रव्य प्रमेयत्व गुणवाले हैं ? उसका कारण बतलाइये?
उत्तर - समस्त द्रव्य प्रमेयत्व गुणवाले हैं, क्योंकि वह गुण सभी द्रव्यों का सामान्य गुण है।
प्रश्न 52 - रूपी पदार्थ ज्ञान में ज्ञात होते हैं किन्तु अरूपी पदार्थ ज्ञात नहीं होते – यह कथन सत्य है ?
उत्तर - नहीं, क्योंकि प्रत्येक द्रव्य प्रमेयत्व गुणवाला है।