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— (३) शक्त, (१) विभावसु, (५) विश्वावसु, (६) सूर,.. (७) महासूर, (८) अनुक्रमसें गही ऊपर बैठे. तिन : आरोहीकों व्यंतर देवताओंने मार दीये. तब सुव.. सुनामा नवमा पुत्र, तहांसे भागकर नागपुरमें, चला गया. और दशमा बृहध्वज नामा पुत्र, भागकर मथुरांमें चला गया, और मथुरामें राज्य करने लगा. ईस बृहध्वजकी संतानोमें यदुनामा राजा बहु प्रसिद्ध हुआ. ईस वास्ते हरिवंशका नाम छूट गया, और यदुवंश प्रसिद्ध हो गया.
यदुराजाके सूर नामक पुत्र हुआ.तिस सूर राजाके दो पूत्र हुए.शौरी, (१) और सुवीर, (२) शौरीपीता के पीछे राजा बना. शौरीने मथुरांका राज्य अपने छोटे भाइ सुवीरकों दे दीया, और आप कुशावर्ती देशमें जाकर अपने नामका शौरीपुर नगर वसाके राजधानी बनाइ.
शौरीके अंधकविष्ण आदि पुत्र हुए. अधकविठणके दश वेटे हो. समुद्रविजय, (१) अक्षोभ्य. (२) स्तिमित, (३) सागर, (४) हीमवान्, (५) अचल, (६) धरण, (७) पूर्ण, [८] अभिचंद्र, [१] ओर वसुदेव. [१०] समुद्रविजयके बेटे अरिष्टनेमि, जैनम