Book Title: Jain Mat Vruksha
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 85
________________ ७५ ) 7 बलमित्र, भानुमित्र जैन राजाओं का, ६०, वर्ष. नरवाहन राजा, ४०, वर्ष.. गर्द भिल्ल राजा, १३ वर्ष. शक राज्य, ४, वर्ष. श्रीवीरात्, ४७०, वर्षे विक्रम जैनी राजा, ८६, वर्ष. विक्रमका पुत्र जैनी राजा, ४९, वर्ष. शालिवाहन जैनी राजा, ५०, वर्ष. बलमित्र जैनी राजा, १००, वर्ष. विक्रमात्, २८५, हरि मित्र, १००, वर्ष. वि०, ३८५, प्रियंमित्र, ८०, वर्ष. वि०, ४६५, भानुराजा, ९२ वर्ष. आम और भोजादि सात राजे हूये, तिनोंका राज्य, २४५, वर्ष. आम राजा जैनी. वि०, ८०२, वनराज जैनी राजा, जिसने पाटण नगर में पंचासरा पार्श्वनाथजीका मंदिर बनवाया. इसका राज्य, ६०, वर्ष. वनराजसे लेके सामंतसिंह तक सात राजे चापोत्कट ( चावडा) वंशमें हुए है. वनराज को छोड के और छ, ६, राजे जैन मत पक्षी. satar सर्व राज्य, १९६ वर्ष... 1 C

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